अब उससे बात नहीं करनी, पर अब बात उसी की करनी है
दिन दे दिया तुझे ऐ जिंदगी अपना, मगर रात उसी की करनी है।
दिन दे दिया तुझे ऐ जिंदगी अपना, मगर रात उसी की करनी...
पलकों ने बोहोत समझाया पर ये आख नही मानी
दिन तो हस के गुजरा हमने मगर ये रात नही मानी
और बिस्तर की सलवट दे रही थी गवाही गैर की
हमने करवट बदल ली मगर ये बात नही मानी